भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए कुछ देशों ने अपनाया ये तरीका, महिलाओं की नियुक्ति पर दिया जोर
भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए कुछ देशों ने अपनाया ये तरीका, महिलाओं की नियुक्ति पर दिया जोर
हाल ही में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की भ्रष्टाचार से जुड़ी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एक दशक में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ। भ्रष्टचार पर लगाम लगाने के लिए एजेंसियों को मजबूत करने, वित्तीय अपराध पर नकेल कसने और सार्वजनिक खर्च को पारदर्शी बनाने जैसी सिफारिशें की गईं। दूसरी ओर, कुछ देशों ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए ज्यादा महिलाओं की नियुक्ति करने का तरीका अपनाया है। जैसे 2011 में मैक्सिको के एक राज्य ने ट्रैफिक पुलिस की एक यूनिट सिर्फ महिलाओं के लिए बना दी।
अब सवाल उठता है कि क्या पुरुषों के मुकाबले महिलाएं वास्तव में कम भ्रष्ट हैं? स्वीडन में यूपैसला विश्वविद्यालय के एलिन बर्जनेगार्ड ने दोनों के बीच भ्रष्टाचार में इस अंतर के बारे में कुछ कारण गिनाए हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं के पास घूस लेने या अनुचित तरीके से काम करने के मौके कम होते हैं। जबकि ओल्ड बॉयज क्लब में भ्रष्टाचार पनपता है। आमतौर पर पुरुषों के वर्चस्व वाले इन समूहों में अपने जैसे लोगों पर भरोसा करने और उन्हें शामिल करने की प्रवृत्ति होती है।
ऐसे नेटवर्क उन लोगों (आमतौर पर पुरुषों) को भी सूचीबद्ध करना चाहते हैं, जिनके पास संसाधनों तक पहुंच है। अर्जेंटीना में पाया गया कि पुरुषों के मुकाबले महिला विधायकों के भ्रष्टाचार में शामिल दलों से जुड़ने की संभावना कम थी। वहां महिलाएं राजनीति के बजाय एनजीओ में जाना पसंद करती हैं। इसकी वजह यह है कि महिला भ्रष्टाचार में लिप्त हो तो उसे पुरुषों की तुलना में अधिक कठोर सजा पाती हैं। उन्हें कीमत ज्यादा चुकानी होती है।
जहां समानता, वहां भ्रष्टाचार का अंतर भी कम
उन देशों में जहां महिला-पुरुष समानता है, वहां भ्रष्टाचार का अंतर भी मिट सकता है। सामान्य अपराध में ऐसा पहले ही हो चुका है। महिलाएं अभी भी पुरुषों की तुलना में कम अपराध करती हैं। लेकिन पिछले 50 वर्षों में महिलाएं अधिक अपराधी बन गई हैं। यह आंशिक बढ़ोतरी ही है, क्योंकि तकनीकी और सामाजिक प्रगति ने उन्हें घर से बाहर (कानूनन और अवैध दोनों) काम करने के लिए अधिक समय दिया है। ऐसा ही कुछ भ्रष्टाचार के साथ भी हो सकता है।